प्यार तो दोनों तरफ था मगर आज तक हमने अपने प्यार का इज़हार कभी नहीं किया। हमने कभी एक दुसरे से नहीं कहा की हम तुमसे महोबत्त करते हैं। इस तरह 10th class के exams शुरू हो गए। एक्साम्स होने के बाद हमें अपनी-अपनी स्ट्रीम को choose करना था। मैं डॉक्टर बनने के लिए दिल्ली चली गयी और नमन engineering करने के लिए गुजरात। इस तरह हम दोनों को अलग होना पड़ा और हमारा प्यार भी जुड़ा हो गया।
मुझे आज बहुत अफ़सोस है की मैंने नमन को पहले क्यों नहीं बताया की मई उससे प्यार करती हूँ। अगर मैंने पहले कह दिया होता तो शायद आज मेरा दिल इस तरह न टूटता। पता नहीं नमन को मेरी याद आती है के नहीं मगर मुझे बहुत याद आती है और दिन रात मैं बस यही प्राथना करती हूँ की किसी तरह मेरी मुलकात नमन से हो पाए और मैं उसे अपने प्यार के बारे में बता सकूँ।
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