क्या आप अपने घर एक नया डॉग लाने का सोच रहे हैं? क्या आप अपने डॉग को ज्यादा अच्छे से बर्ताव करना सिखाना चाहते हैं? क्या आप अपने डॉग को अपनी जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षित करना चाहते हैं, बजाय इसके, कि वह अपनी ज़रूरतें पूरी करे? किसी प्रोफेशनल ट्रेनर के द्वारा अपने डॉग को क्लास देना अच्छा आईडिया है, लेकिन अपने डॉग को इस तरह की क्लासेस करा पाना हर किसी के बजट की बात नहीं है। ये सलाह आपके डॉग साथी की ट्रेनिंग शुरू करने के लिए सही रहेंगी। किसी डॉग की ट्रेनिंग को लेकर न जाने कितने ही विचार और दृष्टिकोण मौजूद हैं, इसलिए पहले खुद से रिसर्च करें और खुद ही तय करें, कि आपके लिए और आपके डॉग के लिए क्या उपयुक्त रहेगा। अपने डॉग की ट्रेनिंग के लिए, आप चाहे जिस भी दृष्टिकोण का चयन कर रहे हैं, लेकिन अगर आप खुद ही उसे ट्रेनिंग देना चाहते हैं, तो इसके लिए पहले आपको उसके साथ अच्छा रिलेशनशिप बनाना होगा।
विधि 1 का 13:
डॉग को ट्रेनिंग के लिए तैयार करना (Preparing for Dog Training)
(1) आपकी लाइफस्टाइल में फिट होने लायक एक डॉग चुनें: सदियों से की जा रही ब्रीडिंग के बाद, अब दुनिया में डॉग की ना जाने कितनी ही प्रजातियाँ मौजूद हैं। वैसे तो दुनिया में हर तरह की लाइफस्टाइल से मिलता हुआ एक डॉग तो हमेशा उपलब्ध होता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि सारे डॉग्स आपकी खास ज़रूरतों में फिट ही बैठें। उदाहरण के लिए, अगर आपको ज्यादा आराम करना अच्छा लगता है, तो आपको जैक रसेल टेरिएर (Jack Russell Terrier) नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये अपने लगातार भौंकने और हाई एनर्जी के लिए जाना जाता है।[२] इसकी जगह पर आपको एक बुलडॉग ले आना चाहिए, जो पूरे दिन सोफे पर बैठे रहने के लिए जाना जाता है।[३] अलग-अलग ब्रीड्स (प्रजाति) की पर्सनालिटी और उनकी देखभाल के बारे में रिसर्च कर लें। जिन लोगों के पास डॉग हो, उनसे उसकी ब्रीड के और उसकी पर्सनालिटी के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश करें। मिक्स ब्रीड वाला डॉग भी आपके लिए बेहतर होगा, क्योंकि इसके अंदर अलग-अलग ब्रीड्स की पर्सनालिटी मौजूद होंगी, जिसे शायद आप पसंद करें।
- जैसे कि, ज्यादातर डॉग्स की उम्र लगभग 10-15 वर्ष ही होती है, तो एक डॉग लेना मतलब, लम्बे समय के लिए एक ज़िम्मेदारी लेना है। यह सुनिश्चित कर लें कि उस प्रजाति का स्वभाव आपकी लाइफस्टाइल से अच्छा मेल खाता है।
- अगर आपने अभी तक अपनी फैमिली बनाना शुरू नहीं किया है, तो इस बात का भी ध्यान रखें कि क्या आने वाले समय में आपके घर में छोटे बच्चे भी होंगे। बच्चों वाले घर में कुछ तरह की ब्रीड्स को रखने की सलाह नहीं दी जाती है।
(2) महत्वाकांक्षी (aspirational) डॉग न लायें: अपने साथ ईमानदार रहें और अपनी लाइफस्टाइल के अनुकूल ही डॉग लेकर आएँ। बस इसलिए क्योंकि आप अपने लिए भी एक ज्यादा हैल्दी लाइफस्टाइल शुरू करना चाहते हैं, एक ऐसा डॉग न लेकर आ जाएँ, जिसके लिए बहुत ज्यादा एक्टिविटी चाहिए होती है। अगर आप किसी कारणवश अपने इस हाई-एनर्जी वाले डॉग को एक्सरसाइज़ नहीं करवा पाते हैं, तो आप और आपका डॉग दोनों ही निराश हो जायेंगे।
उस ब्रीड की जरूरतों और उसके स्वभाव के बारे में लिख लें, और ये भी लिखें कि आप उन जरूरतों को किस तरह से पूरा करेंगे।
अगर आपको इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करना पड़े, तो फिर आपको एक अलग तरह के डॉग का चुनाव करना चाहिए।
(3) अपने डॉग को एक प्रैक्टिकल नाम दें: ऐसा कोई नाम, जिसे वो आसानी से समझ सके, इससे आप ट्रेनिंग के दौरान उसका ध्यान केन्द्रित रख सकते हैं। इस नाम में स्पष्ट और हार्ड आवाज़ भी होना चाहिए, जिसे आपका डॉग पहचान सके। इस तरह के नाम जैसे “बडी” (Buddy) या “रोवर” (Rover) या “बी बी” (Bee Bee) में नियमित इंसानों की बातचीत से अलग तरह की आवाज होती है, जिसे आपका डॉग आसानी से सुन सकता है।
जब आप खेल रहे हों, उसे सहला रहे हों, ट्रेनिंग दे रहे हों, या उसका ध्यान अपनी तरफ करना चाहते हों, हर वक्त उसका नाम लेते रहें।
अगर आपके पुकारने पर आपका डॉग आपकी ओर देखता है, तो आप समझ जाइये कि उसने अपना नाम सीख लिया है।
उसका उसके नाम के साथ एक पॉजिटिव कनेक्शन बनाइये, ताकि आपके पुकारने पर वह तुरंत ध्यान दे। जब वो उसके नाम पर आपको प्रतिक्रिया दे, तो उसकी तारीफ करें और उसे ट्रीट भी दें।
(4) ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त समय तैयार करें: आपको शुरुआत में लगभग 5 मिनट की ट्रेनिंग से शुरुआत करना चाहिए, और इसे कभी भी 20 मिनट से ज्यादा ना करने दें। खासकर पपीज़, जिनके पास ध्यान की कमी होती है, और वो आसानी से ऊब जाते हैं। बिल्कुल वैसे ही, जैसे कि एक छोटा बच्चा किया करता है।
ऐसा नहीं है, कि आप सिर्फ इन्हीं सेशन में आपके डॉग को ट्रेनिंग देंगे। सच मानें, तो ये ट्रेनिंग तो हर उस समय चलती रहती है, आप जब भी अपने डॉग के सामने रहते हैं। जब-जब आप उसके पास रहेंगे, उससे बाते करेंगे, वो आपसे सीखता रहेगा।
डॉग में बुरी आदतें तब विकसित होती हैं जब डॉग के मालिक किसी एक समर्पित ट्रेनिंग सेशन के बाद में उसे बुरा व्यवहार करने देते हैं। इसलिए ट्रेनिंग सेशन के बाद भी, अपने डॉग पर एक नज़र रखें। अगर वो ट्रेनिंग सेशन के दौरान सारी चीज़ें करता है, तो ट्रेनिंग के बाद में भी उसके इन सारी बातों को याद रखने की पुष्टि करें।
(5) ट्रेनिंग सेशंस के लिए अपने आपको मानसिक रूप से तैयार कीजिये: जब आप अपने डॉग के साथ काम कर रहे हों, तो शांत और न्यूट्रल रहें। आपके तरफ से बेचैनी और घबराहट होना, ट्रेनिंग के फल पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है। आपको इसका ध्यान होना चाहिये कि ट्रेनिंग का उद्देश्य पपी में अच्छी आदतें डालना है और बुरी आदतों को नजरअंदाज करना है। हो सकता है कि यह सुनने में जरा सा कठिन लगे, लेकिन एक अच्छा ट्रेन्ड डॉग बनाने के लिए संकल्प और दृढ़-निश्चय की आवश्यकता होती है।
(6) उपयुक्त उपकरण का चयन कीजिये: आपको शुरुआत में एक छह फुट की रस्सी और फ्लैट कॉलर (flat collar) या मार्टिनगेल (martingale) कॉलर की जरूरत हो सकती है, इसके अलावा आपकी ट्रीट्स की। अन्य उपकरण जैसे “प्रॉमिस लीडर (Promise Leader)” हेड हाल्टर, एक “नो पुल (No Pull)” हार्नेस, एक धातु का ट्रेनिंग कॉलर, या कोई अन्य उपकरण। पपीज़ या छोटे कुत्तों को सामान्यतयः सख्त उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। उनसे बड़े कुत्तों को ध्यान दिलाने के लिए अस्थायी रूप से विशिष्ट उपकरणों की आवश्यकता होती है (जैसे “प्रॉमिस लीडर”)।
विधि 2 का 13:
सामान्य ट्रेनिंग के नियमों को लागू करना (Applying General Training Principles)
(१) अपनी उम्मीदों और अपने मूड को मैनेज करें: ट्रेनिंग का हर एक दिन परफेक्ट नहीं होने वाला, लेकिन इससे निराश होने की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसका असर अपने डॉग पर पड़ने दें। अपने व्यवहार और मनोभाव को अनुकूल बनाएं ताकि आपके डॉग की सीखने की योग्यता और उसके विश्वास को प्रोत्साहन मिले। अगर आपका मूड शांत है तो सामान्य रूप से आपका डॉग भी शांत होगा।
● अगर आपका डॉग आपके खराब मूड से डर जाता है, तो वो कुछ भी नया नहीं सीखेगा। वह सावधान हो जाएगा और आपका विश्वास नहीं करेगा।
● डॉग की ट्रेनिंग क्लासेस और एक अच्छा ट्रेनर आपके व्यवहार में एक ऐसा सुधार ला सकता है, जिससे आपको अपने डॉग के साथ सफलता मिलेगी।
(२)
अपने डॉग के स्वभाव पर ध्यान रखिये: सभी डॉग्स के अलग-अलग स्वभाव होते हैं। बच्चों की तरह ही अलग-अलग विभिन्न प्रजातियाँ भी अलग-अलग तरह से पढ़ाई करती हैं और उनकी क्षमता भी अलग-अलग होती है। कुछ डॉग जिद्दी होते हैं और वो हर बात के लिए आपको चुनौती देते हैं। कुछ आपको खुश करने के लिए पीछे की तरफ़ झुक जायेंगे। आपको अपने डॉग के स्वभाव के अनुसार अपनी ट्रेनिंग तकनीकों को एडजस्ट करना होगा।
अपने डॉग के स्वभाव पर ध्यान रखिये: सभी डॉग्स के अलग-अलग स्वभाव होते हैं। बच्चों की तरह ही अलग-अलग विभिन्न प्रजातियाँ भी अलग-अलग तरह से पढ़ाई करती हैं और उनकी क्षमता भी अलग-अलग होती है। कुछ डॉग जिद्दी होते हैं और वो हर बात के लिए आपको चुनौती देते हैं। कुछ आपको खुश करने के लिए पीछे की तरफ़ झुक जायेंगे। आपको अपने डॉग के स्वभाव के अनुसार अपनी ट्रेनिंग तकनीकों को एडजस्ट करना होगा।
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