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आयुर्वेदिक चीजें हैं सबसे ज्यादा असरदार

वेट लॉस करने के लिए अपना सकते हैं ये 5 आदतें, आयुर्वेदिक चीजें हैं सबसे ज्यादा असरदार क्या आप जानते हैं कि Weight Loss करने के लिए बहुत जरूरी है कि आप कुछ चीजों का बहुत ध्यान रखें। इसके अलावा आयुर्वेदिक तरीके अपनाकर भी वजन कम किया जा सकता है। लोग अपना वजन कम करने के लिए क्या कुछ नहीं करते जितना ज्यादा वजन होता है उतनी ही ज्यादा मेहनत भी करनी पड़ती है। इसके लिए अत्यधिक निष्ठा और स्थिरता की आवश्यकता होती है। लेकिन ये समझना जरूरी है कि सिर्फ ज्यादा वर्कआउट और डाइट से ही वजन कम नहीं किया जा सकता बल्कि कुछ सामान्य और सरल जीवन शैली भी अहम भूमिका निभाती है। अपनी जीवनशैली में कुछ ऐसी आदतों को अदल-बदलकर आप ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके द्वारा घटाया हुआ वजन दोबारा न बढ़ सके। स्थायी रूप से वजन घटाने के लिए इन स्वस्थ स्वैप (Swaps) को अपनी दिनचर्या में शामिल करें- चीनी की जगह गुड़ का सेवन-  सफेद चीनी में सिर्फ कैलोरी होती है जबकि गुड़ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ठंडे पानी के बजाए गर्म पानी का सेवन-  गर्म पानी आपके पाचन तंत्र को सही रखता है। इसके साथ मेटाबॉलिज्म (Metabolism...

RSS कोई सैन्य संगठन नहीं: मोहन भागवत

संघ में पहनी जाती है ड्रेस, लेकिन RSS कोई सैन्य संगठन नहीं: मोहन भागवत कर्मवीर के सभी दर्शको को नमस्कार 🙏 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर विपक्षियों को संघ का महत्व समझाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि RSS समाज में सदभाव फैलाने वाला एक संगठन है. ग्वालियर:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर विपक्षियों को संघ का महत्व समझाने की कोशिश की है. मोहन भागवत ने कहा कि संघ कोई सैन्य संगठन नहीं है, बल्कि पारिवारिक माहौल वाला एक समूह है. 'संघ कोई सैन्य संगठन नहीं' मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) रविवार को ग्वालियर में संघ के मध्य भारत प्रांत के म्यूजिकल बैंड के समापन शिविर को संबोधित कर रहे थे. मोहन भागवत ने कहा, ‘संघ में संगीत कार्यक्रम होते हैं तो यह कोई संगीत शाला नहीं है और न ही कोई व्यायामशाला या मार्शल आर्ट क्लब है. संघ में गणवेश पहनी जाती है तो यह कोई सैन्य संगठन नहीं है. संघ तो कुटुंब निर्माण करने वाली संस्था है. ’ 'समाज बदलेगा तो देश बदलेगा' उन्होंने कहा कि संगीत, बौद्...

પશુ આહાર

પશુ આહાર સૂકા છરા પરાળ કડબમાં યુરિયા પ્રક્રિયા કરવાથી કયા ફાયદા થઈ છે.  ? યુરિયા પ્રક્રિયાના ફાયદાઑ : યુરિયા પ્રક્રિયા કરેલ પરાળ/કડબ પશુઓને પશુઓને વધુ ભાવે છે. યુરિયા પ્રક્રિયાથી પરાળ, કડબ જેવા સુકાચારાની પાચ્યતા વધે છે. પ્રોટીનનું પ્રમાણ અઢી થી ત્રણ ગણું જેટલું વધી શકે છે. યુરિયા પ્રક્રિયા કરેલ ઘાસચારા ખવડાવાથી પશુઓને વધુ પોષકતત્વો મળે છે. ઓછા ખર્ચે પશુ ઉત્પાદનમાં વધારો કરી શકાય છે. યુરિયા પ્રક્રિયાની માવજત આપેલ સૂકો ચારો ખવડાવાથી ભલામણો કઈ કઈ છે. ? યુરિયા પ્રક્રિયા કરવાથી પરાળ/કુંવર-જેવા સુકાચારમાં ૨.૫ થી ૩.૦ ગણી પ્રોટીનની માત્રા તેમજ  ૧૫ થી ૨૦ ટકા પાચ્ય તત્વોની માત્રામાં વધારો થઈ છે. દર એક કિલોગ્રામ યુરિયા પ્રક્રિયાવાળા પરાળ કડબ દીઠ પશુને ૧૨૫ ગ્રામ દાણ ઓછું આપવું પડે છે. આમ પશુ દીઠ રોજનું એક કિલોગ્રામ દાણ બચાવી શકાય છે. ખેડૂત/પશુપાલક મિત્રો પોતાના પશુઓને વધુ પોષણ ક્ષમ ખોરાક મળી રહે તે માટે આ પ્રક્રિયા અપનાવવાની  સલાહ આપવામાં આવે છે. આ પ્રક્રિયા પશુ પોષણના નિષ્ણાત અથવા નજીકના પશુચિક્તાશકના માર્ગદર્શન હેઠળ કરવી સલાહ ભરેલ છે. મિલ્ક રિપ્લેસર બનાવવાની ફોર્મ...

Navratri 2021: नौ दिनों में नौ देवियों को प्रसन्न करने के लिए पूजा विधि और मंत्र

Navratri 2021: नौ दिनों में नौ देवियों को प्रसन्न करने के लिए पूजा विधि और मंत्र सार नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी माँ के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।  विस्तार शारदीय नवरात्र का आज से शुभारंभ हो चुका है। नौ दिन माता के भक्त दुर्गाजी के नौ स्वरूपों की उपासना बड़े ही श्रद्धा भाव से करते हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी माँ के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।   1.माँ शैलपुत्री- पूजा विधि-  मां शैलपुत्री देवी पार्वती का ही स्वरूप हैं जो सहज भाव से पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। कलश स्थापना के समय पीले वस्त्र पहनें और माँ को सफ़ेद मिष्ठान व सफ़ेद पुष्प चढ़ाकर माँ की आरती करें। स्तवन मंत्र- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ 2. माँ ब्रह्मचारिणी- पूजा विधि - देवी को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें। सफे...

२०२१ नवरात्रि का तीसरा दिन: आज एक साथ है मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग, जानिए मंत्र, पूजा-विधि, आरती और भोग

नवरात्रि २०२१ का तीसरा दिन: आज एक साथ है मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग, जानिए मंत्र, पूजा-विधि, आरती और भोग नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौं स्वरुपों की पूजा करने का विधान है। इस समय शारदीय नवरात्रि आरंभ हो गए हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही है। जिसके कारण मां चंद्रघंटा और मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग एक ही दिन बन रहा है। आज शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि है और मां चंद्रघंटा के साथ कूष्मांडा माता का पूजन भी आज ही किया जाएगा। तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन होने के कारण इस बार नवरात्रि का समापन भी आठ दिन में हो जाएगा। 07 अक्टूबर से नवरात्रि आरंभ हुई थी और नवरात्रि का समापन 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को होगा। फिलहाल जानते हैं मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा का आरधाना मंत्र पूजा-विधि और भोग व आरती। पूजा विधि- सर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें। अब मां चंद्रघंटा और ...

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा दोहा :   श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।    चौपाई :   जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।   महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।   कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।।   हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।   संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।।   विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।   प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।   सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।   भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।   लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।   रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।   सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।   सनकादिक ब्रह...

जन्माष्टमी जन्मकथा (janmashtami birth story)

Krishna Janmashtami श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के उग्रसेन राजा के बेटे कंस का वध करने के लिए हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में मथुरा के उग्रसेन राजा के बेटे कंस ने उन्हें सिंहासन से उतार कर कारगार में बंद कर दिया था और खुद को मथुरा का राजा घोषित कर दिया था. कृष्ण जन्माष्टमी , जिसे केवल  जन्माष्टमी  या  गोकुलाष्टमी  के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो  विष्णुजी  के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है  यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को  श्रावण  या  भाद्रपद  में मनाया जाता है (इस पर निर्भर करता है कि कैलेंडर अमावस्या या पूर्णिमा के दिन को महीने के अंतिम दिन के रूप में चुनता है या नहीं। जो  ग्रेगोरियन कैलेंडर  के अगस्त या सितंबर के साथ ओवरलैप होता है। विशेषता यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा में। भागवत पुराण (जैस...

'रक्षा बंधन'

इंद्राणी ने श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर पर द्विजों से स्वस्तिवाचन करवा कर  रक्षा  का तंतु लिया और इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधकर युद्धभूमि में लड़ने के लिए भेज दिया। ' रक्षा बंधन ' के प्रभाव से दैत्य भाग खड़े हुए और इंद्र की विजय हुई। राखी बांधने की प्रथा का सूत्रपात यहीं से होता है। रक्षाबंधन की पौराणिक एवं चर्चित कथाएं... ऐसे तो रक्षाबंधन से बहुत-सी कथाएं जुड़ी हुई हैं लेकिन हम यहां कुछ चर्चित कथाएं दे रहे हैं। इनमें से पहली कथा का धार्मिक महत्व है, जिसे पूजन के साथ कहा जाता है। बाकी की सभी कथाएं भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक इस अनोखे त्योहार की महत्ता से संबंधित हैं।   रक्षाबंधन कथा- 1   एक बार युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा- 'हे अच्युत! मुझे रक्षा बंधन की वह कथा सुनाइए जिससे मनुष्यों की प्रेतबाधा तथा दुख दूर होता है।'  भगवान कृष्ण ने कहा- हे पांडव श्रेष्ठ! एक बार दैत्यों तथा सुरों में युद्ध छिड़ गया और यह युद्ध लगातार बारह वर्षों तक चलता रहा। असुरों ने देवताओं को पराजित करके उनके प्रतिनिधि इंद्र को भी पराजित कर दिया। ऐसी दशा में देवताओं सहित इंद्...

सावन मास 2021 के शुभकामना संदेश

Happy Sawan 2021: भगवान शिव के प्रिय मास सावन के पहले सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं भक्ति में है शक्ति बंधू, ... है हाथ में डमरू है ... शिव की बनी रहे आप पर छाया ... मन छोड़ व्यर्थ की चिंता तू शिव का नाम लिये जा ... हैसियत मेरी छोटी है पर मन मेरा शिवाला है ... मंदिर की घंटी, आरती की थाली, ... नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय Happy Sawan 2021:  श्रावण मास का शिवभक्तों को हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। इस माह में जहां एक ओर रिमझिम बारिश की फुहार बरसती है तो वहीं दूसरी ओर भगवान शिव की कृपा। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है, इस माह में भगवान शिव का पूजन- अर्चन करने से सभी मनोकानाएं पूरी होती हैं। इस साल सावन का पावन महीना 25 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो कि 22 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिवभक्त सोमवार व्रत, रूद्राभिषेक, कांवड़ यात्रा और मंत्र जाप से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन इस साल शिव पूजन में कोरोना प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखें। आशुतोष और अवढ़रदानी भगवान शिव अपने भक्त को कभी भी निराश नहीं करते हैं। शिव जी के प्रिय म...

विश्व शांति स्थापित करने में संयुक्त राष्ट्र संघ की क्या भूमिका है?

परिचय संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) 1945 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। वर्तमान में इसमें शामिल सदस्य राष्ट्रों की संख्या 193 है। इसका मिशन एवं कार्य इसके चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होता है तथा संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अंगों व विशेष एजेंसियों द्वारा इन्हें कार्यान्वित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, मानवीय सहायता पहुँचाना, सतत् विकास को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय कानून का भली-भाँति कार्यान्वयन करना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का इतिहास वर्ष 1899 में विवादों और संकट की स्थितियों को शांति से निपटाने, युद्धों को रोकने एवं युद्ध के नियमों को संहिताबद्ध करने हेतु हेग (Hague) में अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय विवादों के शांतिप्रद निपटान के लिये कन्वेंशन को अपनाया गया एवं वर्ष 1902 में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय की स्थापना की गई, जिसने वर्ष 1902 में कार्य करना प्रारंभ किया। यह ...